LIC बिल्डिंग होगी जमींदोज? देहरादून की शान रह चुकी पर आज कार्रवाई

देहरादून की चकराता रोड पर कनॉट प्लेस स्थित एलआईसी बिल्डिंग में कोर्ट ने जितना हिस्सा खाली कराने का आदेश दिया है, उसमें आज कार्रवाई की जाएगी। तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ ने बताया कि एलआईसी की कार्रवाई के लिए वह सुबह 11 बजे उपलब्ध रहेंगे। उधर, एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि कार्रवाई के लिए पुलिस भी उपलब्ध करा दी जाएगी।

देहरादून के चकराता रोड पर कनॉट प्लेस स्थित एलआईसी बिल्डिंग जर्जर भवन श्रेणी में है। लंबे समय से इसे खाली कराए जाने की कवायद एलआईसी कर रहा है। पहले चरण में 14 संपत्तियां (आवास और दुकानें) खाली कराई जानी हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट से आदेश हुआ है। इसे लेकर बीते दिनों 21 सितंबर की तिथि तय की गई थी। उधर, कार्रवाई की तिथि नजदीक आते ही बल्डिंग में जिन लोगों हटाया जाना है, वे परेशान हैं।

एलआईसी बिल्डिंग में रह रहे लोगों का पुनर्वास करे सरकार: आकाश 
सीपीआई (एम) ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर एलआईसी बिल्डिंग में रह रहे लोगों के विस्थापन की व्यवस्था करने की मांग की है। सचिव सीपीएम देहरादून अनंत आकाश ने बताया कि पहले भी चकराता रोड के चौड़ीकरण के दौरान प्रभावितों को घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्पलेक्स में विस्थापित किया गया था। जबकि डिस्पेंसरी रोड और तहसील चौक से प्रभावितों को राजीव काम्प्लेक्स में विस्थापित किया गया था। इसी प्रकार एलआईसी बिल्डिंग में रह रहे लोगों व व्यापारियों को विस्थापित करने की मांग की गई है।

2018 में भी चस्पा हुए थे खाली कराने के नोटिस
व्यापारियों ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने के बड़े बैंकर्स सेठ मनसाराम ने इस बिल्डिंग का निर्माण कराया था। वह दिवालिया हो गए तो भारत इंश्योरेंस ने संपत्ति को जब्त कर लिया। इसके बाद संपत्ति एलआईसी के पास आ गई। चूंकि किरायेदार मनसाराम के समय से रह रहे थे तो यथास्थिति चलती रही। एलआईसी का तर्क है कि लोग मामूली किराया दे रहे हैं। मामला कोर्ट में भी चल रहा है। 2018 में भी एलआईसी ने बिल्डिंग खाली कराने के लिए नोटिस चस्पा किए थे।

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