नई पेंशन योजना (NPS) के विरोध में आक्रोश रैली का आयोजन

DEHRA DUN: आज पूरे भारतवर्ष में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए सभी जनपद मुख्यालयों में सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना (NPS) के विरोध में आक्रोश रैली का आयोजन किया। इस आंदोलन में हजारों सरकारी कर्मचारी, जिनमें शिक्षक, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य कर्मी और अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल थे, अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे।

इन कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) उनकी आर्थिक सुरक्षा के लिए अस्थिर है और उन्हें भविष्य में वित्तीय संकट की ओर धकेल रही है। उनका मुख्य उद्देश्य पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना है, जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर और सुरक्षित पेंशन प्रदान करती थी।

NPS और UPS का विरोध

रैली के दौरान कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की, जिनमें “OPS बहाल करो,” “NPS नहीं चाहिए” और “हमारी पेंशन, हमारा अधिकार” जैसे नारों ने पूरे माहौल को आंदोलनकारी बना दिया। उनका मानना है कि NPS का बाजार आधारित ढांचा उन्हें भविष्य में किसी भी वित्तीय स्थिरता का भरोसा नहीं देता। इसके विपरीत, पुरानी पेंशन योजना के तहत उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद नियमित पेंशन मिलती थी, जो जीवनभर एक स्थिर आय का साधन थी।

कर्मचारियों ने UPS (उपयोगकर्ता भुगतान प्रणाली) का भी विरोध किया, जो सरकारी सेवाओं को उपयोगकर्ता शुल्क पर आधारित बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। उनका मानना है कि यह प्रणाली आम आदमी पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालती है और सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता को कम करती है।

रैली के बाद, सभी जनपदों के सरकारी कर्मचारियों ने एकत्र होकर जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों ने अपनी मांगें राज्य और केंद्र सरकार तक पहुंचाने की अपील की। ज्ञापन में यह साफ तौर पर उल्लेख किया गया कि नई पेंशन योजना ने लाखों कर्मचारियों को वित्तीय असुरक्षा में डाल दिया है और उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंतित कर दिया है। कर्मचारियों ने राज्य और केंद्र सरकार से तुरंत पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की, ताकि उन्हें और उनके परिवारों को भविष्य में किसी भी वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।

इस आक्रोश रैली का असर देशभर में व्यापक रूप से देखा गया। कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर जोरदार समर्थन दिया है। राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली पर विचार हो रहा है। वहीं, केंद्र सरकार पर भी इस आंदोलन के कारण भारी दबाव बना है।

इस आक्रोश रैली ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं और उनकी मांगें गंभीर हैं। यदि सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो यह आंदोलन और भी बड़े स्तर पर फैल सकता है

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