हरेला पर्व प्रकृति और मनुष्य के बीच अंतरसम्बन्ध बनाए रखने का एक अनूठा त्योहार: पार्षद श्री दिनेश केमवाल
देहरादून 16 जुलाई 2025: हरेला पर्व खास तौर से उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में मनाया जाता है। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में कई लोक पर्व मनाये जाते हैं जिनमें से एक है हरेला। हरेला की खास बात ये है कि इसे सावन के महीने में मनाया जाता है। इस पर्व में प्रकृति पूजन किया जाता है और पौधे भी रोपे जाते हैं। इस तरह यह पर्व पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है।
इसी क्रम में आज रिंग रोड स्थित ‘‘सामाजिक सुरक्षा सेवा समिति’’ के तत्वाधान में बड़ी संख्या में पौरोपण किया गया, जिसमें समिति के सदस्यों ने बड़ा चढ़ कर हिस्सा लिया। सभी सदस्यों ने 50 से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण के लिये अपनी भूमिका निभाई। समिति के आग्रह पर आये क्षेत्रीय पार्षद ने समिति के ओर से पहली पौधा लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
सर्वप्रथम क्षेत्रीय पार्षद श्री दिनेश केमवाल ने हरेला पर्व की शुभकामायें दी और कहा कि हरेला पर्व प्रकृति और मनुष्य के बीच अंतरसम्बन्ध बनाए रखने का एक अनूठा त्योहार है। मनुष्य को प्रकृति से जो कुछ भी प्राप्त होता है वह अनमोल है। प्रकृति ने हमें वन दिए जहां विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां पाई जाती हैं। उन जड़ी बूटियों का प्रयोग कई तरह की दवाईयां बनाने में होता है। आपको बता दें कि भारत के 35 लाख लोगों की आजीविका वनों के माध्यम से चलती है।
इसी के चले ‘‘सामाजिक सुरक्षा सेवा समिति’’ के अध्यक्ष विपिन सिंह ने कहा कि लोक पर्व हरेला उत्तराखंड की लोक संस्कृति चेतना और पर्यावरण का प्रतीक है। हरेला पर्व हमे प्रकृति के साथ जोड़ने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संपूर्ण उत्तराखंड में हरेला उत्सव मनाया जा रहा है। इस वर्ष धरती माँ का ऋण चुकाओ एक पेड़ माँ के नाम “थीम” पर मनाया जा रहा है। आइये हम सब मिलकर प्रकृति पूजन एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें।
सामाजिक सुरक्षा सेवा समिति के महासचिव राजीव मैथ्यू ने कहा कि मुख्यरूप से हरेला पर्व उत्तराखंड के लोगों द्वारा अच्छी फसल के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार उत्तराखंड के कुमाऊं एवं गढ़वाल दोनों की क्षेत्रों में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस पर्व के 9 दिन पहले से ही उत्तराखंड के लोग एक टोकरी में विभिन्न प्रकार के अनाज बोकर रख देते हैंए और यदि हरेला पर्व के दिन तक टोकरी में बहुत अच्छे से अनाज की पौध उग जाती है तो माना जाता है कि इस वर्ष की फसल बहुत अच्छी रहेगी।
पौधा रोपण कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्षा सेवा समिति की कोषाध्यक्ष सुगांती कश्यप, उपाध्यक्ष महावीर चौहान, पूनम सिंह, अरुण ऑडसमन श्री राजगिरी जी बीरेन्द्र कश्यप, नीतू कश्यप, भगवती चौहान, संदीप भट्ट, एकता, दिनेश चंद्र जुयाल, प्रदीप गुसाई आदि ने प्रतिभाग किया