उत्तरकाशी। संवाददाता, 5 अगस्त 2024: में हुई हर्षिल-धराली-उत्तरकाशी क्षेत्र की भीषण आपदा के परिप्रेक्ष्य में, उत्तराखण्ड शासन के सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं लोकसभा सदस्य टिहरी गढ़वाल माननीय महारानी राज्य लक्ष्मी शाह ने शनिवार को जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में आपदा पीड़ितों के उपचार की व्यवस्थाओं, आपातकालीन सेवाओं तथा स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की स्थिति का बारीकी से जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान सचिव महोदय ने सबसे पहले आपदा प्रभावित वार्ड एवं आई सी यू का निरीक्षक किया, जहां उन्होंने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों एवं नर्सिंग अधिकारी से आपदा प्रभावितों के उपचार संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि आपदा पीड़ितों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो तथा सभी आवश्यक दवाइयां और जीवनरक्षक उपकरण सदैव उपलब्ध रहें। जिला अस्पताल की समस्त महिला चिकित्सक़ एवं नर्सिंग अधिकारीयों ने स्वास्थ्य सचिव एवं भर्ती आपदा पीड़ित मरीजों को राखी बांधकर अपना स्नेह और विश्वास जताया!
इसके पश्चात सचिव ने निर्माणाधीन सी सी यू यूनिट का निरीक्षण किया।उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय को आपदा प्रबंधन के लिहाज से पूरी तरह तैयार रहना चाहिए, ताकि किसी भी समय बड़ी संख्या में मरीजों के आने पर तुरंत उपचार शुरू किया जा सके। सचिव द्वारा जिला अस्पताल से रेफर रेट कम करने हेतु निर्देश दिए गए! प्रमुख अधीक्षक द्वारा जिला चिकित्सालय की समस्याओं हेतु सचिव महोदय को अवगत कराया गया जिसमे महिला चिकित्सालय में ऑपरेशन थिएटर में एनस्थिसिया वर्क स्टेशन, ब्लड बैंक में कम्पोनेन्ट सेपरेटर की स्थापना, एक्स रे डी आर सिस्टम 1000mm एवं चिकित्सा लय हेतु एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक सर्जन, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ एक निस्चेतक चिकित्सकों की मांग रखी गयी!
निरीक्षण के दौरान निदेशक गढ़वाल मण्डल डॉ त्रिपाठी,मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डॉ बी एस रावत), जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ. प्रेम सिंह पोखरियाल, स्टेट आपदा नोडल अधिकारी डॉ बिमलेश जोशी, जिला अस्पताल के आपदा नोडल डॉ दानिश जमाल, जन सम्पर्क अधिकारी श्री गिरीश उनियाल, अन्य जनपदों से आये विशेषज्ञ चिकित्साधिकारी एवं जिला चिकित्सालय के कार्मिक उपस्तिथ रहे।
प्रमुख अधीक्षक ने सचिव को अवगत कराया कि आपदा के बाद से अब तक अस्पताल में सोलह आपदा पीड़ितों का इलाज किया गया है, जिनमें से तीन गंभीर मरीज रेफेर किये गए एवं एक मरीज की छुट्टी छुट्टी दे दी गई, वर्तमान बारह आपदा पीड़ित मरीजों का उपचार चिकित्सालय में किया जा रहा है।
निरीक्षण के अंत में सचिव ने जिला चिकित्सालय में कार्यरत कार्मिकों की सराहना की, जिन्होंने आपदा की घड़ी में दिन-रात मेहनत कर पीड़ितों की जान बचाने का कार्य किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि शासन स्तर से आवश्यक संसाधनों और उपकरणों की पूर्ति की जाएगी, ताकि अस्पताल की क्षमता और बेहतर हो सके।
इस अवसर पर सचिव ने जनता से भी अपील की कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे आएं और रक्तदान, दवाइयों एवं आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि “आपदा से निपटने में शासन, प्रशासन और समाज की संयुक्त भागीदारी ही सबसे बड़ा सहारा है।”