कफ सिरप की गुणवता की जांच के लिए छापेमारी

देहरादून। 12 अक्टूबर 2025: औषधि विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश के सभी जिलों में छापेमारी के सिलसिले को तेज कर दिया है। प्रदेशभर में कफ सिरप की गुणवत्ता और उसकी वैधानिकता की जांच के लिए मेडिकल स्टोर्स, होलसेल डिपो, फार्मा इंडस्ट्री और बच्चों के अस्पतालों पर औचक निरीक्षण लगातार जारी हैं।

देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और बागेश्वर समेत बड़े शहरों और जिलों में औषधि निरीक्षकों की टीम औचक निरीक्षण अभियान चला रही हैं। अब तक 350 से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। कई मेडिकल स्टोर्स को कड़ी चेतावनी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी बाल चिकित्सकों से अपील की है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित सिरप न लिखें। इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग खुद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त आर राजेश कुमार कर रहे हैं।

अभियान का नेतृत्व अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी कर रहे हैं, जिनके दिशा-निर्देश में राज्यभर की औषधि निरीक्षक टीमें सक्रिय हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए औषधि विभाग ने देहरादून शहर भर में औचक निरीक्षण अभियान चलाया। औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीम ने पलटन बाजार, घंटाघर, ऋषिकेश रोड, जौलीग्रांट, अजबपुर और नेहरू कॉलोनी क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेताओं की जांच की।

निरीक्षण के दौरान बच्चों की सर्दी-खांसी की कुछ दवाएँ अलग से स्टोर पायी गयी, जिन्हें मौके पर सील कर दिया गया और बिक्री पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई। अधिकांश विक्रेताओं ने प्रतिबंधित सिरप की बिक्री पहले ही बंद कर दी थी, जबकि जहां स्टॉक मिला, उसे पेटियों में डालकर सील किया गया। कार्रवाई के दौरान एक मेडिकल स्टोर को बंद किया गया और 11 औषधियों के नमूने जांच के लिए लिए गए।.

औषधि निरीक्षक निधि रतूड़ी ने ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित राजकीय एसपीएस चिकित्सालय देहरादून रोड और जौलीग्रांट के आसपास मेडिकल स्टोर्स का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि-निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ स्टोर्स में बच्चों की सर्दी-खांसी की दवाइयाँ (सिरप) अलग से स्टोर थीं। टीम ने मौके पर ही इन दवाओं को सील कर दिया और स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले आदेश तक इनकी बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। अधिकांश मेडिकल स्टोर्स ने शासन के आदेशों का पालन करते हुए प्रतिबंधित सिरप की बिक्री पहले ही रोक दी है। निरीक्षण के दौरान कुल 06 औषधियों के नमूने गुणवत्ता जांच के लिए एकत्र किए गए।

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