10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी दून में जमा हुए राज्य आंदोलनकारी

 

राज्य आंदोलनकारियों ने किया सीएम आवास कूच, पुलिस से नोक-झोंक, गिरफ्तार

एस बी टी न्यूज उत्तराखंड

देहरादून। दस फीसदी क्षैतिज आरक्षण लागू करने समेत नौ सूत्री मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने राजधानी देहरादून में प्रदर्शन करते हुए सीएम आवास कूच किया। बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री आवास की ओर से बढ़ रहे आंदोलनकारियों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच नोक-झोंक भी हुई।

जब आंदोलनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे तो उनकी गिरफ्तारी की गई। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के आह्वान पर रविवार को प्रदेशभर से आंदोलनकारी मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, जिससे नाराज आंदोलनकारियों की पुलिस के साथ नोक-झोंक हुई। आक्रोशित आंदोलनकारी वहीं धरने पर बैठ गए।

प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि वह अब अपने हक के लिए चुप नहीं बैठेंगे और न सरकार व नेताओं को अपनी मनमर्जी चलाने देंगे। सूचना पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया। हालांकि आश्वासन के बाद भी आंदोलनकारी मांगों पर अड़े रहे।

आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान, वीरेंद्र पोखरियाल, जगमोहन नेगी, मनीष कुमार, नरेंद्र सेठियाल, प्रदीप कुकरेती, प्रभात ध्यानी, मोहन सिंह रावत, अवतार सिंह बिष्ट, बाल गोविंद डोभाल, डॉ विजेंद्र पोखरियाल ने एक स्वर में आंदोलनकारियों की मांगों की अनदेखी करने पर आक्रोश जताया।

मांगों पर अड़े आंदोलनकारी धरने से उठने को तैयार नहीं हुए। जब पदाधिकारियों की ओर से धरना स्थल पर ही तंबू लगाने की तैयारी शुरू की गई तो पुलिस सतर्क हो गई। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान पहुंचीं। उनके अलावा सीओ सिटी शेखर सुयाल, सीओ प्रेमनगर दीपक सिंह, सीओ सदर अनुज कुमार की मौजूदगी में पुलिस ने आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी शुरू की।

बसों में बैठाकर सभी आंदोलनकारियों को देर शाम परेड ग्राउंड में छोड़ा गया। बारिश के बावजूद महिला आंदोलनकारी धरने पर डटी रहीं। इस दौरान जब कुछ महिला पुलिसकर्मी महिला आंदोलनकारियों के जेल में डालने की बात कहने लगीं तो उन्होंने एक सुर में कहा कि वह जेल जाने से नहीं डरती हैं।

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