राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने राज्य महिला आयोग के पदाधिकारियों के साथ की बैठक

राज्य में महिला हिंसा, मानसिक उत्पीड़न और महिलाओं से संबंधित अन्य मुद्दों पर वार्ता की

एस बी टी न्यूज उत्तराखंड

देहरादून। राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उत्तराखण्ड महिला आयोग के सभी पदाधिकारियों के सांथ गेस्टहाउस में बीजापुर में बैठक ली। राज्य में महिला हिंसा, मानसिक उत्पीड़न और महिलाओं से संबंधित अन्य मुद्दों पर वार्ता की। महिलाओं से संबंधित क्या कानून होते है, लॉकडाउन में हमारे पास कार्य दुगना हुआ है,घरेलू हिंसा के केस बड़े हैं, लॉ ऑथोरिटी के सांथ मिलकर हम सम्पूर्ण भारत में हम महिलाओं को सशक्त करने का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महिला आयोग का कार्य शिकायतें सुनने के अतिरिक्त उन्हें सशक्त भी करना है, जिसके लिए हमारे द्वारा छोटे छोटे विद्यालयों को रिज्यूम बनाना, नौकरी हेतु कौशल विकास की तैयारी करवाना है।

सचिव उत्तराखण्ड महिला आयोग कामिनी गुप्ता ने बताया कि सत्र 2020-21 के दौरान अभी सबसे अधिक मामले महिला आयोग के पास देहरादून जिले से,दूसरे नंबर पर हरिद्वार ,तीसरे नंबर पर उधमसिंह नगर और चौथे नंबर पर नैनीताल से केस आये हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड महिला आयोग कुछ अलग से कार्य करने होंगे।

साइबर क्राइम से लड़कियों को बचाने के लिए हम उत्तराखण्ड के विद्यालयों में ट्रेनिंग कार्यक्रम करवायेंगे। शायरा बानो से वार्ता करते हुए रेखा शर्मा ने कहा कि आपने तीन तलाक जैसी कुप्रथा पर लड़ाई लड़ी है आज आप क्या कहेंगी? तो शायरा बानो ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में आने के बाद महिलाओं को सही दिशा में न्याय मिला है और महिलाएं आज खुलकर तीन तलाक का विरोध कर रही हैं।

उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने बताया कि राज्य महिला आयोग ने प्रतियोगिता के माध्यम से अपना लोगो बना लिया है जो आयोग की उपलब्धता है और हमने सरकार को पत्र के माध्यम से आयोग का अपना पोर्टल बनवाने हेतु भी निवेदन किया है। राज्य महिला आयोग अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने रेखा शर्मा को बताया कि आयोग के पास योजनाओं के पर्याप्त मद नहीं होने के कारण अनेकों समस्याएं हमारे सामने आती हैं। उपाध्यक्ष पुष्पा पासवान ने बताया कि उनके पास सीमांत दुर्गम राज्य हैं जहां गावँ गाँव जाकर वह जागरूकता अभियान चला रही हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला आयोग रेखा शर्मा ने राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वासन केंद्र देहरादून जाकर सभी महिलाओं का हाल जाना ,जहां अभी कुल 115 मानसिक रूप से पीड़ित महिलाओं को और 6 सामान्य महिलाओं को रखा गया है। उन्होंने यहाँ पहुँचकर स्वच्छता ,महिलाओं के रहन सहन ,शयन कक्ष, भोजन कक्ष का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देशित किया कि ठीक हो रही महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए रोजगार से जोड़ने पर विशेष ध्यान दें जिसमें इनको खाना बनाना,घर का ध्यान रखना विशेष कोर्स में डाटा एंट्री ओपरेटर का,कंप्यूटर से सम्बंधित विशेष कोर्स करवायें।

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