Uttarakhand News: Ima Demand For Get 50 Beds Exemption In Hospitals In Clinical Establishment Act – आईएमए की मांग: उत्तराखंड में 50 बेड से कम अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में मिले छूट

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Tue, 24 Aug 2021 08:01 PM IST

अस्पताल
– फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नियमों में 50 बेड से कम क्षमता वाले निजी अस्पतालों को छूट देने की मांग की है। मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों और आईएमए पदाधिकारी के साथ बैठक की। इस दौरान आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री को एक्ट में छूट देने के लिए चार सूत्री मांगपत्र सौंपा। 

आईएमए का कहना है कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नियमों के चलते छोटे निजी अस्पतालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 50 बेड क्षमता वाले अस्पतालों को एक्ट के दायरे से बाहर रखा जाए। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत ईटीपी व एसटीपी व्यवस्था में छूट, अस्थायी पंजीकरण के नवीनीकरण के शुल्क में छूट, अग्निशमन अधिनियम को लागू करना, निजी अस्पतालों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए महामारी एक्ट जारी रखने की मांग की गई।  

बैठक में विभागीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में सरकारी व निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीनेशन का कोटा निर्धारित किया गया है। जिसके तहत राज्यों को मिलने वाले कोविड वैक्सीन कोटे से सरकारी अस्पतालों को 75 प्रतिशत और निजी अस्पतालों को 25 प्रतिशत वैक्सीन आवंटित की जा रही है। इसके बावजूद निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन का प्रतिशत सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा बहुत कम है। उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों के माध्यम से सभी निजी अस्पतालों से वैक्सीनेशन बढ़ाने की अपील की है। 

विभागीय मंत्री ने आईएमए पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि मांगों पर शासन स्तर पर सकारात्मक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चार सितंबर को आईएमए की पहल पर राज्य भर के निजी डॉक्टरों लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें शासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभागीय मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।  

बैठक में राज्य पर्यावरण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने कहा कि निजी अस्पतालों में बैक्टीरियल वेस्टेज के लिए ईटीपी संयंत्र व अन्य मेडिकल वेस्ट के लिए एसटीपी की व्यवस्था आवश्यक है। जिसमें पर्यावरण और स्वास्थ्य मानकों के लिहाज से किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जा सकती है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि आईएमए  सभी निजी अस्पतालों के माध्यम से कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए टेली मेडिसिन, बच्चों के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्थाएं बढ़ाने के साथ ही वैक्सीनेशन में भी तेजी लाकर सरकार का सहयोग करें। 

इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, अपर सचिव एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा आर. रविशंकर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि, अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एसके गुप्ता, अपर निदेशक डॉ. मीतू शाह, आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. डीडी चौधरी, आईएमए उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष डॉ. अरविंद शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नियमों में 50 बेड से कम क्षमता वाले निजी अस्पतालों को छूट देने की मांग की है। मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों और आईएमए पदाधिकारी के साथ बैठक की। इस दौरान आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री को एक्ट में छूट देने के लिए चार सूत्री मांगपत्र सौंपा। 

आईएमए का कहना है कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नियमों के चलते छोटे निजी अस्पतालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 50 बेड क्षमता वाले अस्पतालों को एक्ट के दायरे से बाहर रखा जाए। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत ईटीपी व एसटीपी व्यवस्था में छूट, अस्थायी पंजीकरण के नवीनीकरण के शुल्क में छूट, अग्निशमन अधिनियम को लागू करना, निजी अस्पतालों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए महामारी एक्ट जारी रखने की मांग की गई।  

बैठक में विभागीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में सरकारी व निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीनेशन का कोटा निर्धारित किया गया है। जिसके तहत राज्यों को मिलने वाले कोविड वैक्सीन कोटे से सरकारी अस्पतालों को 75 प्रतिशत और निजी अस्पतालों को 25 प्रतिशत वैक्सीन आवंटित की जा रही है। इसके बावजूद निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन का प्रतिशत सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा बहुत कम है। उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों के माध्यम से सभी निजी अस्पतालों से वैक्सीनेशन बढ़ाने की अपील की है। 

विभागीय मंत्री ने आईएमए पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि मांगों पर शासन स्तर पर सकारात्मक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चार सितंबर को आईएमए की पहल पर राज्य भर के निजी डॉक्टरों लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें शासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभागीय मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।  

बैठक में राज्य पर्यावरण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने कहा कि निजी अस्पतालों में बैक्टीरियल वेस्टेज के लिए ईटीपी संयंत्र व अन्य मेडिकल वेस्ट के लिए एसटीपी की व्यवस्था आवश्यक है। जिसमें पर्यावरण और स्वास्थ्य मानकों के लिहाज से किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जा सकती है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि आईएमए  सभी निजी अस्पतालों के माध्यम से कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए टेली मेडिसिन, बच्चों के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्थाएं बढ़ाने के साथ ही वैक्सीनेशन में भी तेजी लाकर सरकार का सहयोग करें। 

इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, अपर सचिव एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा आर. रविशंकर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि, अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एसके गुप्ता, अपर निदेशक डॉ. मीतू शाह, आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. डीडी चौधरी, आईएमए उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष डॉ. अरविंद शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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