अल्मोड़ा में देश का पहला समुदायिक योग एवं वैकलिपक शिक्षा केंद्र

देश का पहला समुदायिक योग एवं वैकलिपक शिक्षा केंद्र बनने जा रहा है एस एस जे का अल्मोड़ा का योग विज्ञान विभाग

अल्मोड़ा रिपोर्टर एसबीटी न्यूज़ उत्तराखंड

अल्मोड़ा। 25 सितंबर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा का योग विज्ञान विभाग देश का प्रथम सामुदायिक योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। विभाग के अंतर्गत यहां विभिन्न चिकित्सा पद्धतियां शुरू होने जा रही हैं। जिससे यह एक उच्च स्तर का उपचारात्मक केंद्र बनेगा। यह जानकारी योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. नवीन भट्ट ने दी है। योग विज्ञान विभाग में चिकित्सा केंद्र के संचालन की तैयारी के सिलसिले में एक बैठक हुई।

इस केंद्र में प्राकृतिक चिकित्सा, मर्म चिकित्सा, प्राण चिकित्सा, चुंबक चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, पंचकर्म व आयुर्वेद आदि वैदिक एवं पुरातन चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा की जा सकेगी, जिसका लाभ समाज तक पंहुचेगा। विभागाध्यक्ष डॉ. भट्ट ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनएस भण्डारी के प्रयासों से एसएसजे परिसर में समाज के लिए निःशुल्क सामुदायिक योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना की जा रही है।

जिसमें छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं आमजन को निःशुल्क प्रशिक्षण एवं चिकित्सा प्रदान की जा सकेगी। विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने बताया कि ऐसा अभिनव प्रयोग करने वाला सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय भारत का प्रथम विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. एनएस भंडारी के अथक प्रयासों से योग विज्ञान विभाग उपलब्धियां अर्जित कर रहा है।

उन्होंने बताया योग विज्ञान विभाग के अंतर्गत योग में प्रमाण पत्र, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में प्रमाण पत्र, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में डिप्लोमा, पंचकर्म एवं आयुर्वेद चिकित्सा में प्रमाण पत्र, मर्म चिकित्सा में प्रमाण पत्र, बीए योग, पीजी डिप्लोमा योग, एमए योग एवं योग में पीएचडी आदि में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। बैठक का संचालन रजनीश जोशी ने किया। बैठक में विश्वजीत वर्मा, गिरीश अधिकारी, लल्लन कुमार, चन्दन लटवाल, मोनिका बंसल, विद्या नेगी, हेमलता पन्त आदि मौजूद रहे।

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