मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तराखंड के लाल विक्रम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर उनके गांव विमाण पहुंचा

शहीद का शव पहुंचते ही उसकी पत्नी, मां और बूढ़ी दादी ने रोते-बिलखते शव से लिपट कर अंतिम दर्शन के किए

एसबीटी न्यूज उत्तराखंड

देहरादून। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद उत्तराखंड के नई टिहरी के बेटे विक्रम सिंह नेगी का तिरंगे से लिपटा पार्थिव शरीर शनिवार को विमाण गांव पहुंच गया। शहीद का शव पहुंचते ही उसकी पत्नी, मां और बूढ़ी दादी ने रोते-बिलखते शव से लिपट कर अंतिम दर्शन के किए। इस दौरान शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा, विक्रम तेरा नाम रहेगाश् का जयघोष कर आतंक का पर्याय बने पाकिस्तान के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।

क़ृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी शनिवार को शहीद विक्रम सिंह नेगी के गांव पंहुचे। इस दौरान उन्होंने गांव की सड़क कोटेश्वर-फलसारी मोटर मार्ग का नामकरण शहीद विक्रम सिंह नेगी के नाम से करने की घोषणा की। वहीं मंत्री ने रोड का डामरीकरण करवाने की भी घोषणा की। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में विक्रम सिंह नेगी शहीद हो गए थे। यह मुठभेड़ पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में आतंकियों की तलाश में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई।

शुक्रवार सुबह बेटे की शहादत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। शनिवार दोपहर बाद शहीद विक्रम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचा। जहां सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। जौलीग्रांट से शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैत्तृक गांव के लिए भेजा गया। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के जवान शहीद हुए थे।

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