स्वस्थ रहने के लिए पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थ अपनाने की जरूरतः गुरु मनीष

भारत में पेट के रोग, अनुवंशिक विकार और शुगर बढ़ने का प्रमुख कारण भोजन में गेहूं और चावल का अत्यधिक उपयोग है : गुरु मनीष

एसबीटी न्यूज उत्तराखंड

देहरादून। शुद्धि आयुर्वेद के संस्थापक गुरु मनीष का मानना है कि स्वस्थ रहने के लिए पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थों को अपनाने की जरूरत है। हम जिस तरह का गेहूं और चावल खा रहे हैं वह आनुवंशिक रूप से संशोधित है और इनका स्वरूप पूरी तरह से बदल चुका है। ऐसे गेहूं और चावल दिन के हर भोजन में लंबे समय तक खाने से बच्चों का कद प्रभावित हो रहा है, वजन भी सही अनुपात में नहीं रहता और यौन रोग बढ़ गये हैं। महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी घट गयी है। गेहूं और चावल के विपरीत मिलेट्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। भारत में पेट के रोग, अनुवंशिक विकार और शुगर बढ़ने का प्रमुख कारण भोजन में गेहूं और चावल का अत्यधिक उपयोग है।

उन्होंने आगे बताया कि गेहूं और चावल की जगह कंगनी, हरी कंगनी, सांवा, कोदो और कुटकी जैसे मिलेट्स को न केवल स्वस्थ रहने के लिए बल्कि कई बीमारियों से बचने के लिए भी आहार में शामिल किया जा सकता है। ये हमारे मूल अनाज हैं, जबकि न्यूट्रल मिलेट्स में बाजरा, रागी, चना, ज्वार और मक्का शामिल हैं। मिलेट्स शरीर को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने में सक्षम हैं, क्योंकि ये कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, प्रोटीन और खनिज आदि से भरपूर होते हैं । यदि हम बारी-बारी से पौष्टिक मिलेट्स को अपने आहार में शामिल करें तो एक या दो सप्ताह में मधुमेह की समस्या कम हो सकती है और दो से चार सप्ताह में रक्तचाप भी नियंत्रण में आ सकता है। कैंसर रोगियों को भी दो से चार महीने में लाभ मिल जाता है।

गुरु मनीष ने कहा, ष्आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ तीन स्थितियों का वर्णन है। अगर किसी का वात बिगड़ जाता है तो जोड़ों का दर्द होने लगता है। पित्त के उल्लंघन से रक्त संक्रमण, यकृत रोग और मधुमेह हो जाता है। कफ के बिगड़ने पर दमा, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी और खांसी होती है। मिलेट्स पचने में आसान होते हैं और शरीर में प्रोबायोटिक्स के स्तर में भी सुधार कर सकते हैं। गुरु मनीष ने उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में हिम्स (अस्पताल एवं एकीकृत चिकित्सा विज्ञान संस्थान) नेचर केयर सेंटर स्थापित किये हैं, जिनमें डेराबस्सी, जीरकपुर, चंडीगढ़, पटियाला और दिल्ली शामिल हैं। इनमें सरकारी कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा है। आयुष बीमा कार्ड धारकों को भी इलाज की सुविधा मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *