चारधाम यात्रा:तीर्थ यात्रियों की भीड़ पर पूर्व सीएम हरीश रावत की अपील, बाहरी यात्रियों के लिए बुकिंग स्थगित कराएं स्थानीय लोग

पूर्व सीएम हरीश रावत ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार को गंभीरता से प्रयास करने की सलाह दी। कहा कि चारधाम में भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को सरकारी खर्च पर आसपास के अन्य तीर्थों के दर्शन कराया जाए। इसके साथ ही खाने-पीने की वस्तुओं की ओवररेटिंग को रोकने के लिए सरकार को ठोस व्यवस्था करनी होगी।

रावत ने स्थानीय लोगों से अतिथि देवो भव की भावना के तहत चारधाम यात्रा को केवल बाहरी यात्रियों के लिए छोड़ने का अनुरोध किया है।
मंगलवार को रावत ने चारधाम यात्रा पर सरकार और जनता को कुछ सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के प्रति लोगों में जबरदस्त आकर्षण है। लेकिन तैयारियां कमजोर हैं।

इस समय सारे राज्य वासियों को अतिथि देवो भव: की भावना से पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आगमन का स्वागत करना चाहिए। राज्य के लोगों को चारधाम यात्रा को केवल बाहर से आने वाले आगंतुकों के लिए छोड़ देना चाहिए। यदि राज्य के लोगों ने अपनी बुकिंग भी करवाई हो, तो वो सरेंडर कर दें।  राज्य सरकार उस बुकिंग को यात्रियों का दबाब कम होने पर मान्य करे।

रावत ने कहा कि चारधाम में संख्या ज्यादा होने पर दूसरे राज्यों से आने वाले कुछ यात्रियों को सरकारी खर्चे पर मार्ग में ठहरा कर वहां के आसपास के तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाने चाहिएं। ओवररेटिंग पर चिंता जताते हुए रावत ने  कहा कि उन्हें भी कुछ लोगों के फोन आए हैं कि एक परांठे के भी 150 से 160 रुपये लिए जा रहे हैं। कुछ लोग यह राशि दे सकते हैं।

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी तो हैं जो आस्था के कारण अपनी छोटी-मोटी बचतों के आधार पर चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। राज्य के तीर्थ स्थलों की प्रति उनकी मान्यता है। यह सुनिश्चित करना होगा कि उन सब लोगों को खाने-पीने, रहने की सुविधा उचित मूल्य पर मिल जाए।  हर 100 यात्रियों के एक हेल्प डेस्क बनानी जरूरी है। जहां यात्री को हर सुविधा और मार्गदर्शन मिल पाए।

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