समाचार सार
इस मामले में ग्राम प्रधान ने भी डीएम से शिकायत की है और परिवार के आरोपों को निराधार बताया है। आरोप-प्रत्यारोप के इस मामले में डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।
समाचार विस्तार :-
पौड़ी । तहसील क्षेत्र के कल्जीखाल ब्लॉक के बेड़गांव में एक परिवार ने ग्राम प्रधान पर मारने पीटने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। वहीं, इस मामले में ग्राम प्रधान ने भी डीएम से शिकायत की है और परिवार के आरोपों को निराधार बताया है। आरोप-प्रत्यारोप के इस मामले में डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने नायब तहसीलदार पौड़ी को जांच अधिकारी नामित किया है। साथ ही डीएम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं।
गुरुवार को बेड़गांव निवासी एक शख्स अपनी दो बेटियों और पत्नी के साथ जिलाधिकारी के पास फरियाद लेकर पहुंचा, जब ये परिवार डीएम के पास पहुंचा पति-पत्नी के सिर पर पट्टी बंधी थी। परिवार ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान प्रमोद रावत ने अन्य गांव वालों के साथ मिलकर उनकी जमकर पिटाई की है। यह भी आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। पीड़ित ने बताया कि ग्राम प्रधान पहले भी मारपीट मारपीट कर चुका है.पीड़ित व्यक्ति ने जिलाधिकारी को बताया कि उनके ऊपर लगातार छेड़छाड़ का केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उसके परिवार को खतरा है और उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए। वहीं, ग्राम प्रधान प्रमोद रावत भी ग्रामीणों के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे और आरोपों को बेबुनियाद बताया। ग्राम प्रधान ने बताया कि ये परिवार आए दिन गांव के युवाओं पर उत्पीड़न का ओरोप लगाता है और परिवार के पास आय का स्रोत नहीं होने के कारण युवाओं पर छेड़खानी का आरोप लगाकर पैसे वसूलने का काम करता है। डीएम ने कहा कि क्योंकि दोनों ही पक्ष आमने-सामने हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। लिहाजा, जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार को मामले का जांच सौंपते हुए आगे की कार्रवाई अमल में लाने के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि ऐसे मामलों में जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। पीड़ितों का मेडिकल करवाया दिया गया है। दोनों पक्षों को अपनी शिकायत भी लिखित में देने के लिए कहा गया। डीएम ने घटना को लेकर दोनों पक्षों को सुना और इसके बाद एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। डीएम ने दोनों ही पक्षों से साफ कहा कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक दोनों पक्षों को किसी विवाद में ना पड़ने की हिदायत दी गई है।