ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के दावे पर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह शिवलिंग नहीं बल्कि वजूखाने में लगा फव्वारा है। वहीं हिंदू पक्ष के मुताबिक यह शिवलिंग है। आजतक चैनल पर याचिकाकर्ता के पति और सर्वे टीम में शामिल सोहनलाल यादव ने एक और बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि यह स्ट्रक्चर इसलिए शिवलिंग जैसा है क्योंकि यह पुरा कालेपत्थर का बना है। इसके अलावा इसके बीच में कोई छेद नहीं है जिससे कि इसे फव्वारा माना जा सके।
सोहनलाल आर्य ने कहा, तथाकथित शिवलिंग के ऊपर सीमेंट से एक चौकोर ईंट चिपकाई गई है। जिसपर एक प्लस का निशान बना हुआ है। उन्होंने दावा किया कि सर्वे के दौरान झाड़ू की सींक डालकर देखा गया तो यह 6 इंच तक अंदर गई। लाइट लगाकर देखा गया, 6 इंच से ज्यादा सींक नहीं गई।
उन्होंने कहा, सर्वे के दौरान जब मुस्लिम पक्ष से पूछा गया कि क्या कहीं से यहां पानी लाने के लिए पाइप लगाई गई है तो लोगों ने कहा नहीं कोई पाइप नहीं लगाई गई है। सोहनलाल ने दावा किया कि नंदी से वजूखाने की दूरी 83 फीट की है। बीच में कृत्रिम दीवारें हैं। नंदी का मुंह सीधा शिवलिंग की तरफ है।सोहनलाल के दावों को खारिज करते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील अजयनाथ यादव ने कहा, पहली बार सोहनलाल खुद याचिकाकर्ता नहीं हैं। उन्होंने बताया कि यहां शिवलिंग की तरह का स्ट्रक्चर है। पत्थरनुमा आकृति पहले मंजिल पर है। उसके नीचे तहखाना है। तहखाने में जमीन में गड़ा कोई शिवलिंग नहीं मिला है। अभी तक कोर्ट में रिपोर्ट सब्मिट नहीं की गई है, उससे पहले ही ये लोग बाबा मिल गए का दावा करते हैं।