आंतरिक संक्रमण के कारण रेस्क्यू किए गए बाघ की मौत

कोसी ब्लॉक में बीते कुछ दिनों से एक बाघ की मौजूदगी ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। नगर वन क्षेत्र, जो आमतौर पर लोगों की सैर-सपाटे की पसंदीदा जगहों में से एक है। वहां इस बाघ को कई बार देखा गया था। इससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया था।

बाघ की गतिविधियों को देखते हुए वन विभाग ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया था। इलाके में पिंजरा लगाया गया। कैमरा ट्रैप और लाइव कैमरे लगाए गए, ताकि बाघ की हर हरकत पर नजर रखी जा सके। लोगों से सतर्क रहने और जंगल क्षेत्र में जाने से बचने की अपील की गई थी।

लगातार निगरानी के बाद दो दिन पहले वन विभाग की टीम ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सकों की मदद से बाघ को ट्रैंकुलाइज किया था। इसके बाद उसे ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में लाकर उपचार शुरू किया गया। लेकिन, रेस्क्यू सेंटर में बाघ की मौत हो गई।
सडीओ, रामनगर वन प्रभाग कित बडोला बडोला ने बताया कि ये सैंपल बरेली स्थित इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजे गए हैं। स्किन के डीएनए सैंपल डीएनए एनालिसिस के लिए देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया  भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि बाघ की मौत किस प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण से हुई, रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होगा। क्या यह संक्रमण किसी अन्य वन्यजीव या मानव के लिए खतरा बन सकता है रिपोर्ट से ही इसका पता चलेगा।

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