पुराने यात्री वाहनों में जीपीएस लगाने के आदेश का विरोध तेज हो गया है। महानगर सिटी बस महासंघ ने परिवहन विभाग पर तानाशाह रवैया अपनाने का आरोप लगाया। महासंघ ने शीघ्र ही आदेश रद करने की मांग की है।
अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि परिवहन मंत्रालय ने एक जनवरी 2019 के बाद पंजीकृत होने वाले वाहनों के लिए जीपीएस जरूरी किया था। इससे पहले के पंजीकृत वाहनों पर जीपीएस लगाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़ी गई, लेकिन परिवहन सचिव ने सरकार को विश्वास में लिए बगैर 20 अप्रैल तक सभी पुराने यात्री वाहनों पर जीपीएस लगाने का आदेश कर दिया है, जिससे वाहन स्वामी परेशान हैं। वाहन स्वामी कोरोना संकट के कारण पहले से आर्थिक संकट झेल रहे हैं। कई संचालक बच्चों की स्कूल की फीस तक जमा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में आठ से दस हजार रुपये की जीपीएस डिवाइस कैसे लगाएंगे। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से शीघ्र यह आदेश रद करवाने की मांग की है। इसके साथ ही रोड टैक्स में छूट और सरेंडर पॉलिसी में बदलाव करने की मांग की है।