धनोल्टी में अमेन्द्र बिष्ट ने खींची राजनीतिक सुचिता की लकीर

दलगत राजनीति से उठकर भाजपा-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से मांगा समर्थन

-अमेन्द्र बिष्ट के इस कदम की विपक्षियों ने की सराहना

-सोशल मीडिया पर जमकर हो रही तारीफ

समाचार विस्तार से पढ़ें

नैनबाग (टिहरी)। धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र के नैनबाग में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अमेन्द्र बिष्ट ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाजपा और कांग्रेस के कार्यालयों में जाकर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं से क्षेत्र के विकास के लिए समर्थन मांगा। अमेन्द्र बिष्ट के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है। यहां तक कि विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक सुचिता करार दिया।

धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र में अमेन्द्र बिष्ट ने अपने जनसम्पर्क के दौरान नैनबाग में विपक्षी दलों के कार्यालयों में जाकर भाजपा और कांग्रेस का कार्यकर्ताओं से समर्थन मांगा। अमेन्द्र ने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के साथ धनोल्टी के भविष्य को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह अपनी पार्टी के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करें लेकिन धनोल्टी के विकास के लिये वह उन्हें वोट और समर्थन दें। भाजपा और कांग्रेस के दफ्तरों में जाकर समर्थन मांगे जाने को लेकर अमेन्द्र बिष्ट की जमकर तारीफ हो रही है । उनके इस कदम को राजनीतिक सुचिता के तौर पर देखा जा रहा है।

वहीं विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने भी अमेन्द्र का आपने कार्यालयों में स्वागत कर उन्हें चुनावी जीत की शुभकामनाएं दी। विपक्षी दलों ने भी माना कि अमेन्द्र ने राजनीतिक सुचिता की जो लकीर खींची है उसे दरकिनार करना किसी भी पार्टी कार्यकर्ता के लिए आसान नहीं है। भाजपा-कांग्रेस के चुनावी कार्यालयों में जाने और उनसे समर्थन मांगने को लेकर अमेन्द्र बिष्ट की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। लोगों ने इस फैसले की खूब सराहना करते हुए कहा कि लीक से हटकर फैसले की क्षमता सिर्फ अमेन्द्र बिष्ट में है यही वजह वह जानता कि दिलों में सीधे अपनी जगह बना देते हैं।

वहीं फेसबुक पर अनिल लिखते हैं कि लोकतंत्र के सही रूप को परिभाषित करने हेतु महत्वपूर्ण पहल. यही सोच आपको एक स्वाभाविक जनप्रतिनिधि बनाती हैष् सौरभ रावत लिखते हैं कि आप सभी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रिय हो आपको सबका समर्थन मिलेगा संजय रावत लिखते हैं कि आपका यही व्यव्हार आपको औरों से एक कदम आगे ले जाएगा बहुत बहुत शुभकामनाएं वहीं नवनीत बिजल्वाण लिखते हैं कि आपकी यही व्यवहारिक भाषा हमें प्रेरणा देती है कि हर पल में लोगों से कैसे जुड़कर रास्ते तय किया जाय।

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