कम हो जाएगी कुमाऊं-गढ़वाल के बीच की दूरी, नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास को केंद्र की मंजूरी

नई दिल्ली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ हुई बैठक में नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने वाले इस मार्ग के बन जाने से कुमाऊं-गढ़वाल के बीच की दूरी 20 किमी कम हो जाएगी। इसके साथ यात्रा के समय में 45 मिनट की बचत होगी। उन्होंने बताया कि नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास की कुल लंबाई 42.50 किमी की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इसके अलावा मझौला से खटीमा चार लेन सड़क मार्ग की भी स्वीकृति प्रदान की गई। इस मार्ग के निर्माण से उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत एवं बरेली के भारी वाहनों और आम लोगों की यात्रा सुलभ एवं आरामदायक होगी। इसके अलावा सितारगंज से टनकपुर मोटर मार्ग को भी चार लेन में परिवर्तित करने के काम को भी मंजूरी दी गई है। इस मार्ग के निर्माण से चंपावत और पिथौरागढ़ आने-जाने में समय की बचत के साथ सफर आरामदायक हो जाएगा।

ऑल वेदर परियोजना की तरह होगा सीमांत क्षेत्र में सड़क का काम 
सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ से अस्कोट मोटर मार्ग (लगभग 47 किमी) का निर्माण ऑल वेदर परियोजना की तरह स्वीकृत किए जाने पर सहमति बनी है। यह मार्ग बीआरओ की ओर से बनाया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में अधिग्रहित भूमि से ऊपर व नीचे यदि मार्ग निर्माण से भवनों एवं अन्य संरचनाओं को क्षति होती है तो इसकी प्रतिपूर्ति भी केंद्र सरकार की ओर से की जाती है। इस संबंध में मुख्यमंत्री  ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया था, जिस पर सहमति बनी है। इससे सभी हिमालयी राज्यों को लाभ होगा।

देहरादून में होगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का सेमिनार 
बैठक में अप्रैल 2023 में देहरादून में अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन किए जाने पर भी सहमति दी गई। इस सेमिनार में पर्वतीय क्षेत्रों के लिए उच्च गुणवत्तायुक्त टनल मार्गों का निर्माण किए जाने पर विषय विशेषज्ञों की ओर से विचार विमर्श होगा। इस सेमिनार में देश एवं विदेश के लगभग एक हजार लोग प्रतिभाग करेंगे।

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