प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता पीयूष मिश्रा की शायरी ने तुलाज के छात्रों को किया मंत्रमुग्ध

 

-मैं भविष्य में देहरादून शहर में थिएटर का प्रशिक्षण देना चाहूंगाः पीयूष मिश्रा

देहरादून। तुलाज इंस्टीट्यूट ने कॉलेज परिसर में प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, गीतकार, नाटककार, संगीतकार और पटकथा लेखक पीयूष मिश्रा के साथ एक टॉक शो की मेजबानी की। कार्यक्रम की शुरुआत अभिनेता पीयूष मिश्रा, तुलाज़ ग्रुप के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन, तुलाज़ ग्रुप के उपाध्यक्ष रौनक जैन, प्रौद्योगिकी के उपाध्यक्ष डॉ. राघव गर्ग, डीन डॉ. निशांत सक्सेना, डॉ. रनित किशोर, हेड मास्टर मृगंक पांडे, रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार चौबे सहित सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।

पीयूष मिश्रा ने अपने सत्र की शुरुआत महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में किस्से साझा करके की। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने वर्ष 1994 में भगत सिंह पर एक नाटक लिखा था, और कैसे उनके के बारे में कई तथ्य हैं जो उनके ऊपर लिखी गई कई पुस्तकों में नहीं बताये गए हैं। उन्होंने कहा, आज के समय में हमें भगत सिंह जैसे महान लोग देखने को नहीं मिलते। सभी स्वतंत्रता सेनानियों में से, मैं सबसे अधिक सम्मान उन्ही का करता हूँ। जिन चीजों से वह गुज़रे और जो कुछ उन्होंने हमारे देश के लिए किया है, वह देखते हुए मैंने उनके उनके जीवन के बारे में लिखा है।

ओटीटी प्लेटफॉर्म के उभरते चलन पर अपने विचार साझा करते हुए, पीयूष ने कहा, ओटीटी प्लेटफॉर्म आज की दुनिया में मनोरंजन के सबसे ट्रेंडिंग माध्यमों में से एक है। ओटीटी के आने से अनगिनत व्यक्तियों को बड़े पर्दे पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा मौका मिला है। हालांकि आज ओटीटी का चलन बड़े पैमाने पर है, लेकिन फिल्मों का बनना और हॉल में लगने का चलन कभी कम नहीं होगा। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने तुलाज़ के छात्रों के साथ एक सबक साझा किया।

उन्होंने कहा की  व्यक्तिगत अनुभव के अनुसार, मैं हमेशा युवाओं को शराब से जितना हो सके दूर रहने की सलाह देता हूँ। शराब के कारण मैं अपने जीवन में एक बहुत बुरे दौर से गुजरा हूँ, और मैं नहीं चाहता कि कोई और व्यक्ति भी उसी चीज़ से गुज़रे। उन्होंने आगे कहा, एक और चीज जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए वह है हमेशा अपने माता-पिता के प्रति सम्मानजनक और आभारी रहना। समय रहते हमें अपने माता-पिता के साथ अपने सभी मतभेदों को दूर कर देना चाहिए। अन्यथा, हमको जीवनभर अपने पर पछतावा होगा।

बॉलीवुड में एक अभिनेता के रूप में अपने अनुभव को साझा करते हुए, मिश्रा ने बताया कि  इंडस्ट्री में मेरा सबसे अद्भुत अनुभव गैंग्स ऑफ वासेपुर की शूटिंग के दौरान रहा। यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड फिल्मों में से एक है, और मुझे इस फिल्म की शूटिंग के दौरान अपने सभी सह-कलाकारों से बहुत कुछ सीखने को मिला। आगे बताते हुए उन्होंने कहा की सिनेमा  मेरे लिए कभी भी जुनून नहीं बल्कि एक पेशा था जिसके माध्यम से मुझे पैसा कमाने का मौका मिला। मेरा जुनून हमेशा से थिएटर रहा है, और मेरी इच्छा है की एक दिन मैं देहरादून शहर में थिएटर का प्रशिक्षण दूँ।

पीयूष ने अपना प्रसिद्ध गीत श्आरम्भ है प्रचंडश् गाकर सत्र का समापन किया। उन्होंने देहरादून के प्रति अपना प्यार भी साझा किया और बताया कि कैसे मुंबई में उनके व्यस्त जीवन के बीच यह शहर हमेशा उनके लिए एक आरामदेह जगह रही है। इस अवसर पर तुलाज़ ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट रौनक जैन ने कहा, हमें बेहद खुशी है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री के ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व पीयूष मिश्रा हमारे बीच मौजूद हैं। उनका सत्र उनके जीवन के सबक और मजेदार किस्से, और उनकी कविता और गीतों का एक मिश्रण था।

तुलाज़ के छात्रों ने पूरे सत्र का खूब लुत्फ़ उठाया। टॉक शो का आयोजन तुलाज़ इंस्टिट्यूट के बीजेएमसी विभाग द्वारा किया गया था। टॉक शो में तुलाज़ इंस्टिट्यूट के साथ-साथ तुलाज़ इंटरनेशनल स्कूल के कई छात्रों ने भी भाग लिया था।

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