नाटक गोदान में छलका किसानों का दर्द

देहरादून। नगर निगम के जुगमंदर हॉल में देहरादून के समर्पित रंगकर्मियों की 45 वर्षों से सतत कार्य कर रही देहरादून की नाट्य संस्था वातायन ने नाटक गोदान का मंचन किया। गोदान उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की अमर कृति है गोदान एक वृहत उपन्यास है। जो आज भी संसार के प्रमुख 10 उपन्यासों में शामिल है। देश-विदेश की कई भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। सन 1936 में लिखा गया उपन्यास में  मुंशी प्रेमचंद ग्रामीण जीवन विशेषकर किसान की पीड़ा का चित्रण किया है। इस वृहद उपन्यास का रूपांतरण करना तथा इसे मंच पर सजीव करना हंसी खेल नहीं है, नाटक के निर्देशक मंजुल मयंक मिश्र ने इस का नाट्य रूपांतरण किया तथा इस कथा को दो घंटे में के उपन्यास में बांधकर लेखक द्वारा रचित मूर्ति की आत्मा को जीवित रखा है।

गोदान की कथा किसान होरी तथा उसकी पत्नी धनिया के इर्द-गिर्द घूमती है। किसान होरी के परिवार को जमीदार पटवारी सूदखोर महाजन पुलिस तथा धर्म के ठेकेदार किस तरह शोषण करते हैं और एक भोले-भाले किसान को मजदूर बना देते हैं। कृषि वर्ग का प्रतिनिधि पात्र होरी अंततः कुचक्र में फंस कर अपनी जान दे देता है। उसकी पत्नी धनिया बचे खुचे पैसों को अपने मृत पति के हाथ में रखकर उसका गोदान करवाती है। गोदान की मार्मिक कथा के साथ निर्देशक तथा पात्र ने पूरा पूरा न्याय किया है। होता है नाट्य संस्था में सभी आयु वर्ग के रंगकर्मी विराजमान हैं।

धनिया के रूप में सोनिया नौटियाल गैरोला ने बहुत सहज व सजीव अभिनय किया। धीरज सिंह रावत किसान होरी के रूप में जमते हैं। नाटक में प्रदीप घिल्डियाल ,रमेंद्र कोटनाला, नवनीत गैरोला, शुभम बहुगुणा,सोनिया वालिया, हरीश भट्ट ,चेतन प्रकाश ,अमित बहुखुंडी,सिद्धि भंडारी ,अनामिका राज ,पदम सिंह राजपूत ,गिरिजा चैहान ,नवीन मिश्रा ,मयंक नेगी, वीरेंद्र गुप्ता ,ने भी सुंदर और सजीव अभिनय किया। वेशभूषा तथा रूप सज्जा नाटक के अनुरूप थी।जिसे विनीता रितुंजय व कीर्ति भंडारी बखूबी निभाया।निर्देशक ने पूरे गांव को मंच पर सजीव कर दिया था। नाटक में संगीत अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहा।

नाटक का प्रथम सफल मंचन ओएनजीसी कम्युनिटी सेंटर में राजभाषा विभाग ओएनजीसी द्वारा किया जा चुका है। दर्शकों ने नाटक की बहुत-बहुत प्रशंसा की वह इस नाटक के अधिक से अधिक प्रसिद्ध प्रदर्शन किए जाने की मांग की। इस अवसर पर वातायन के अध्यक्ष रोशन धस्माना ,उपाध्यक्ष उदय शंकर भट्ट, सचिव गजेन्द्र वर्मा,कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला, वातायान के पूर्व अध्यक्ष सलमान जैदी, मदन डुकलान,गढ़वाल सभा के महासचिव गजेंद्र भंडार, कुलानंद घनशाला आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *