कोटेश्वर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने किया पुष्प वर्षा से छड़ी यात्रा का स्वागत

रुद्रप्रयाग। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा के रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय पहुंचने पर कोटेश्वर के महंत शिवानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में साधु-संतो एवं स्थानीय लोगों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। छड़ी यात्रा सनातन धर्म का प्रचार और उत्तराखण्ड के विकास को लेकर निकाली जा रही है। यह यात्रा वर्षो पूर्व बंद हो गई थी, लेकिन तत्कालीन मंख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की सरकार में पुनः इस छड़ी यात्रा को शुरू किया गया था।

सोमवार को जिला मुख्यालय के जवाड़ी बाईपास में कोटेश्वर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने जवाड़ी बाईपास पर छड़ी यात्रा का भव्य स्वागत किया। इसके बाद छड़ी यात्रा मुख्य बाजार से होते हुए बेलणी होकर कोटेश्वर मंदिर पहुंची। यहां मंदिर में पहले से मौजूद साधु-संत समाज के लोगों के साथ ही स्थानीय लोगों ने छड़ी यात्रा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया।

नागा सन्यासियों और श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ छड़ी के प्रमुख महंत और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी के नेतृत्व में निकल रही छड़ी यात्रा उत्तराखण्ड के विकास और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को लेकर निकाली जा रही है। कोटेश्वर में महंत शिवानंद गिरी महाराज एवं पुजारियों ने छड़ी की विधि-विधान व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गंगाजल से अभिषेक कर तिलक, चंदन, पुष्प अर्पित किए।

यात्रा ने प्रदेश के विकास को लेकर भगवान कोटेश्वर महादेव से आर्शीवाद लिया। अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेेम गिरी ने बताया कि जूना अखाड़े की यह पवित्र छड़ी यात्रा उत्तराखण्ड का भ्रमण कर लोगों को जागरूक कर रही है। प्राचीन परम्परा के तहत बहुत साल बागेश्वर से यह छड़ी यात्रा निकाली जाती थी, लेकिन बीच में किसी कारणवश यह छड़ी यात्रा निकलनी बंद हो गई थी, लेकिन अखाड़े के साधु-संतो एवं पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर यह यात्रा फिर से शुरू की गई।

उन्होंने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य जगदगुरू शंकराचार्य के लक्ष्य को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि जगदगुरू शंकराचार्य ने उत्तराखण्ड में जिन स्थानों पर मठ-मंदिरों का निर्माण किया, उन धार्मिक स्थलों का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही सनातन धर्म की रक्षा को लेकर छड़ी यात्रा निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में विधर्मी लोग घुस रहे हैं, जो यहां की शांत वादियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लोगों को रोकने के लिए छड़ी यात्रा सभी जगह जाकर प्रचार-प्रसार कर रही है और लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि छड़ी यात्रा ओम पर्वत से होने के बाद पुनः हरिद्वार में जाकर समाप्त होगी। बताया कि छड़ी यात्रा का रात्रि प्रवास सोनप्रयाग में होने के बाद मंगलवार को केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना के बाद छड़ी यात्रा वापस गौरीकुंड आयेगी। इसके बाद छड़ी यात्रा बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी।

कोटेश्वर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने कहा कि छड़ी यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को निकाली गई छड़ी यात्रा से जनजीवन में धर्म की आस्था की वृद्धि सबके मन में होगी। कहा कि हम लोग अपनी संस्कृति और संस्कार भूल चुके हैं। ऐसे में वर्षो बंद रहने के बाद पुनः यह छड़ी यात्रा शुरू की गई है।

इस मौके पर सेक्रेटरी पुष्कर राज गिरी, शंकर गिरी, माई राधा गिरी, बाबा पूरण गिरी, विश्व अखाड़ा परिषद गौ रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी, महामंत्री भूपेन्द्र जगवाण, कालिका सेमवाल, सहित अन्य मौजूद थे।

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