ई-पास की व्यवस्था समाप्त होने से चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है
एसबीटी न्यूज उत्तराखंड
देहरादून। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसकी औपचारिक घोषणा शुक्रवार को विजयादशमी पर हो गई है। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट छह नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे। वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन बंद होंगे।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी के दिन शुक्रवार को घोषित की गई। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शाम 6.45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूठ के पावन पर्व पर पांच नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर बंद होंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर छह नवंबर को दोपहर साढ़े बारह बजे बंद किए जाएंगे।
कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में गंगा मां की भोग मूर्ति के दर्शन उनके मायके ग्राम मुखबा और मां यमुना के दर्शन खरशाली स्थित उनके शीतकालीन मंदिरों में होंगे।
त्योहारी सीजन में विश्व प्रसिद्ध चारधामों के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अब तक सवा लाख यात्रियों ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के दर्शन किए हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए 8354 यात्री हेली सेवा से पहुंचे हैं। प्रदेश में अगले महीने चारधामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने से यात्रा भी स्थगित हो जाएगी।
यात्रा के अंतिम दिनों में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शनों के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद बढ़ रही है। उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुताबिक गुरुवार को चारधामों में 7823 यात्रियों ने दर्शन किए। अब तक चारधामों में 1,14,195 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। अब तक चारधामों में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या एक लाख पार हो चुकी है।
ई-पास की व्यवस्था समाप्त होने से चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बस टर्मिनल ऋषिकेश में निशुल्क कोविड जांच केंद्र स्थापित किया गया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चारधामों में नियमों का पालन करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। साथ ही यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जा रहा है।