[ad_1]
सार
संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि कल्याण सिंह किसान नेता के रूप में उभरकर राजनीति में आए।
श्रद्धांजलि अर्पित करते सीएम और विधानसभा अध्यक्ष
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि कल्याण सिंह किसान नेता के रूप में उभरकर राजनीति में आए। उन्होंने गरीब, पिछड़ों के लिए जो काम किया, वह ऐतिहासिक था। नौ बार विधायक, दो बार सीएम रहने वाले कल्याण सिंह जब पहली बार सीएम बने तो कहा जाता था कि हनक भनक की सरकार है। राम मंदिर आंदोलन को देखें तो वो भी ऐतिहासिक है। अंत तक गोली न चलने के आदेश उनकी अलग पहचान बना गए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कल्याण सिंह ने एक सामान्य किसान परिवार से उठकर जो संघर्ष किया, वह साबित करता है कि वह इसके दम पर ही नौ बार विधायक चुने गए।
उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर जो काम किया, वह अल्प जरूर था लेकिन उन्होंने इससे अपनी छाप छोड़ी। विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि कल्याण सिंह को एक करिश्माई और दमदार राजनेता के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा। उनके भाषण ही हम सबके लिए प्रेरणा के स्त्रोत होते थे। भोजनावकाश के बाद चल रहे सत्र में पहुंचे मंत्री हरक सिंह रावत ने उनकी दिल्ली में हुई सभा के भाषण को याद किया, जिसमें कल्याण सिंह ने कहा था कि जल्द ही हम यूपी में चुनाव में जा रहे हैं और राम भक्तों की सरकार बनेगी। उन्होंने बताया कि वह पहली बार ही चुनाव जीतकर लखनऊ पहुंचे और उन्हें कल्याण सिंह ने मंत्री बना दिया। उन्होंने इस बहाने उत्तराखंड की वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को भी जोड़ते हुए कहा कि हम सबको कल्याण सिंह से सीखने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि किस तरह मंत्री रहते हुए उनके एक पत्र पर पूरी कार्रवाई होने के बाद उसकी फाइल अवलोकन के लिए उनके पास आई थी। कहा कि, वह उत्तराखंड में भी यह परंपरा कायम करने की बात करते आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पौड़ी में डीएम बनाने के लिए अगर यूपी का मुख्यमंत्री क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री से पूछ रहा है तो इससे सम्मान की बात और क्या होगी। आज यह परंपरा कहीं गुम सी हो गई है। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कल्याण सिंह के भीतर अद्भुत प्रशासनिक क्षमता थी।
उनका कार्यकर्ताओं से बेहद लगाव था : स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से जुड़ी यादें ताजा की। उन्होंने बताया कि किस तरह से राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर आज तक भी उनका उत्तराखंड से जुड़ाव रहा। चार साल पहले जब वह उनसे मिले और बताया कि उत्तराखंड से आए हैं तो उन्होंने एक के बाद एक कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली। इससे साबित होता है कि कार्यकर्ताओं के प्रति उनके मन में कितना लगाव था। उत्तराखंड को लेकर उन्हें अपार स्नेह हमेशा रहा है।
[ad_2]
Source link