मलारी हाईवे से बीआरओ की टीम ने भूस्खलन क्षेत्र के 500 मीटर हिस्से में से करीब 250 मीटर तक मलबा हटा दिया गया है। वहीं कुमाऊं में टनकपुर-चंपावत के बीच स्वांला में पहाड़ से भारी मलबा आने से सड़क बंद हो गई है।
चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक गांव के समीप सोमवार को दसवें दिन भी सुचारू नहीं हो पाया। प्रशासन ने नीती घाटी के जरूरतमंद ग्रामीणों के लिए क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी है। पहले दिन हेलीकॉप्टर ने छह राउंड में 24 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर गंतव्य तक पहुंचाया।
बीआरओ की ओर से भूस्खलन क्षेत्र के 500 मीटर हिस्से में से करीब 250 मीटर तक मलबा हटा दिया गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 18 जवानों की ओर से समीपवर्ती गांवों के ग्रामीणों की पैदल आवाजाही करवाई जा रही है।
14 अगस्त को सुराईंथोटा और तमक गांव के बीच चट्टान से हुए भूस्खलन के बाद से मलारी हाईवे ठप पड़ा है। भूस्खलन क्षेत्र में 11 केवी की बिजली लाइन भी ध्वस्त हो गई थी। इससे नीती घाटी के 14 गांवों में बिजली सप्लाई ठप पड़ी है। सोमवार को प्रशासन ने लाता गांव से मलारी तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि पहले दिन हेलीकॉप्टर ने छह राउंड में जगह-जगह फंसे 19 लोगों को नीती घाटी पहुंचाया, जबकि पांच ग्रामीणों को जोशीमठ क्षेत्र में लाया गया।
घाटी में राशन व अन्य जरूरी चीजों के निरीक्षण के लिए जोशीमठ तहसील के तीन कर्मचारियों को भी घाटी में भेजा गया है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हाईवे को खोलने का काम जारी है। पांच जेसीबी भी तैनात कर दी गई हैं। मौसम ने साथ दिया तो जल्द हाईवे सुचारू कर दिया जाएगा।
नीती घाटी में जरूरतमंदों को लाने व ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी गई है। हाईवे न खुलने की स्थिति में हेली से ही घाटी में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। धौली गंगा के किनारे वैकल्पिक पैदल मार्ग भी बनाया गया है, जिससे समीपवर्ती गांवों के ग्रामीण आवाजाही कर रहे हैं।
– कुमकुम जोशी, एसडीएम, जोशीमठ, चमोली।
मलारी हाईवे शीघ्र खोलने सहित नीती घाटी में राशन और स्वास्थ्य सुविधा की मांग पर सोमवार को पूर्व दायित्वधारी ठाकुर सिंह राणा के नेतृत्व में सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने जोशीमठ में प्रदर्शन किया।
इसके बाद ठाकुर सिंह राणा ने तहसील परिसर में आमरण अनशन शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि चीन सीमा को जोड़ने वाला यह मार्ग 10 दिनों से बंद पड़ा है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई प्रशासन की ओर से नहीं की जा रही है। क्षेत्र में आपदा प्रबंधन तंत्र भी पूरी तरह से फेल हो गया है।
वहीं नीती घाटी से लौटे पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धीरेंद्र सिंह गरोड़िया, धर्मेंद्र पाल, खीम सिंह खाती, हरेंद्र सिंह और कुशल सिंह फोनिया ने बताया कि नीती घाटी में रह रहे मजदूरों के पास राशन खत्म हो गया है। ग्रामीण उन्हें खाना दे रहे हैं। तमक, जुम्मा, द्रोणागिरी, गरपक सहित आसपास के गांव के ग्रामीण भूस्खलन क्षेत्र में जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। क्षेत्र में बिजली न होने से ग्रामीण छिल्लों के सहारे रात गुजार रहे हैं।
वहीं कुमाऊं में टनकपुर-चंपावत के बीच स्वांला में पहाड़ से भारी मलबा आने से सड़क बंद हो गई है।
कुमाऊं की लाइफ लाइन हल्द्वानी-ज्योलीकोट-भवाली-कर्णप्रयाग हाईवे चार दिन बाद भी नहीं खोला जा सका है। शुक्रवार को वीरभट्टी में बैली ब्रिज के पास पहाड़ी से आए मलबे को एनएच अब तक नहीं हटा पाया है। विभागीय अधिकारियों का दावा था कि दो दिन में मार्ग पर यातायात सुचारु कर दिया जाएगा लेकिन सोमवार को भी हाईवे बंद रहा और उनके दावे हवा हवाई हो गए।
वीरभट्टी में ब्रिटिशकालीन पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद एनएच विभाग डबल लेन पुल बनवा रहा है। इसे इसी माह सुचारु होना था लेकिन बलियानाले से सटी पहाड़ी से शुक्रवार को भारी मात्रा में मलबा आने से हाईवे पर आवाजाही ठप हो गई। हालांकि, छोटे वाहनों को वाया भीमताल और बड़े वाहनों को वाया नैनीताल पहाड़ की ओर भेजा रहा है और यही रूट पहाड़ से आने वाले वाहनों के लिए भी है। फेरा बढ़ने से रोडवेज ने अपना किराया भी बढ़ा दिया है। इससे यात्रियों की जेब और ढीली हो रही है। इतना ही नहीं, नैनीताल में लोगों को जाम से दोचार होना पड़ रहा है।
कुमाऊं-गढ़वाल को जोड़ता है हाईवे
ज्योलीकोट-कर्णप्रयाग हाईवे कुमाऊं-गढ़वाल को जोड़ता है। इसी हाईवे से बड़े वाहन राशन, सब्जी, गैस, डीजल, पेट्रोल, निर्माण सामग्री लेकर पहाड़ की ओर जाते हैं, लेकिन विभाग ने बरसात के मौसम में कटान शुरू कर पहाड़ी के निचले हिस्से को खोखला और कमजोर कर दिया है। इससे पहाड़ी से हाईवे पर मलबा आ गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस पहाड़ को काटा जा रहा है, वह भूगर्भीय दृष्टि से बेहद कमजोर है।
विस्तार
चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक गांव के समीप सोमवार को दसवें दिन भी सुचारू नहीं हो पाया। प्रशासन ने नीती घाटी के जरूरतमंद ग्रामीणों के लिए क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी है। पहले दिन हेलीकॉप्टर ने छह राउंड में 24 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर गंतव्य तक पहुंचाया।
बीआरओ की ओर से भूस्खलन क्षेत्र के 500 मीटर हिस्से में से करीब 250 मीटर तक मलबा हटा दिया गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 18 जवानों की ओर से समीपवर्ती गांवों के ग्रामीणों की पैदल आवाजाही करवाई जा रही है।
14 अगस्त को सुराईंथोटा और तमक गांव के बीच चट्टान से हुए भूस्खलन के बाद से मलारी हाईवे ठप पड़ा है। भूस्खलन क्षेत्र में 11 केवी की बिजली लाइन भी ध्वस्त हो गई थी। इससे नीती घाटी के 14 गांवों में बिजली सप्लाई ठप पड़ी है। सोमवार को प्रशासन ने लाता गांव से मलारी तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि पहले दिन हेलीकॉप्टर ने छह राउंड में जगह-जगह फंसे 19 लोगों को नीती घाटी पहुंचाया, जबकि पांच ग्रामीणों को जोशीमठ क्षेत्र में लाया गया।
घाटी में राशन व अन्य जरूरी चीजों के निरीक्षण के लिए जोशीमठ तहसील के तीन कर्मचारियों को भी घाटी में भेजा गया है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हाईवे को खोलने का काम जारी है। पांच जेसीबी भी तैनात कर दी गई हैं। मौसम ने साथ दिया तो जल्द हाईवे सुचारू कर दिया जाएगा।
नीती घाटी में जरूरतमंदों को लाने व ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी गई है। हाईवे न खुलने की स्थिति में हेली से ही घाटी में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। धौली गंगा के किनारे वैकल्पिक पैदल मार्ग भी बनाया गया है, जिससे समीपवर्ती गांवों के ग्रामीण आवाजाही कर रहे हैं।
– कुमकुम जोशी, एसडीएम, जोशीमठ, चमोली।
राशन और स्वास्थ्य सुविधा के लिए तहसील में आमरण अनशन
मलारी हाईवे शीघ्र खोलने सहित नीती घाटी में राशन और स्वास्थ्य सुविधा की मांग पर सोमवार को पूर्व दायित्वधारी ठाकुर सिंह राणा के नेतृत्व में सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने जोशीमठ में प्रदर्शन किया।
इसके बाद ठाकुर सिंह राणा ने तहसील परिसर में आमरण अनशन शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि चीन सीमा को जोड़ने वाला यह मार्ग 10 दिनों से बंद पड़ा है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई प्रशासन की ओर से नहीं की जा रही है। क्षेत्र में आपदा प्रबंधन तंत्र भी पूरी तरह से फेल हो गया है।
वहीं नीती घाटी से लौटे पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धीरेंद्र सिंह गरोड़िया, धर्मेंद्र पाल, खीम सिंह खाती, हरेंद्र सिंह और कुशल सिंह फोनिया ने बताया कि नीती घाटी में रह रहे मजदूरों के पास राशन खत्म हो गया है। ग्रामीण उन्हें खाना दे रहे हैं। तमक, जुम्मा, द्रोणागिरी, गरपक सहित आसपास के गांव के ग्रामीण भूस्खलन क्षेत्र में जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। क्षेत्र में बिजली न होने से ग्रामीण छिल्लों के सहारे रात गुजार रहे हैं।
वहीं कुमाऊं में टनकपुर-चंपावत के बीच स्वांला में पहाड़ से भारी मलबा आने से सड़क बंद हो गई है।
दो दिन में हाईवे खोलने के दावे फुस्स
कुमाऊं की लाइफ लाइन हल्द्वानी-ज्योलीकोट-भवाली-कर्णप्रयाग हाईवे चार दिन बाद भी नहीं खोला जा सका है। शुक्रवार को वीरभट्टी में बैली ब्रिज के पास पहाड़ी से आए मलबे को एनएच अब तक नहीं हटा पाया है। विभागीय अधिकारियों का दावा था कि दो दिन में मार्ग पर यातायात सुचारु कर दिया जाएगा लेकिन सोमवार को भी हाईवे बंद रहा और उनके दावे हवा हवाई हो गए।
वीरभट्टी में ब्रिटिशकालीन पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद एनएच विभाग डबल लेन पुल बनवा रहा है। इसे इसी माह सुचारु होना था लेकिन बलियानाले से सटी पहाड़ी से शुक्रवार को भारी मात्रा में मलबा आने से हाईवे पर आवाजाही ठप हो गई। हालांकि, छोटे वाहनों को वाया भीमताल और बड़े वाहनों को वाया नैनीताल पहाड़ की ओर भेजा रहा है और यही रूट पहाड़ से आने वाले वाहनों के लिए भी है। फेरा बढ़ने से रोडवेज ने अपना किराया भी बढ़ा दिया है। इससे यात्रियों की जेब और ढीली हो रही है। इतना ही नहीं, नैनीताल में लोगों को जाम से दोचार होना पड़ रहा है।
कुमाऊं-गढ़वाल को जोड़ता है हाईवे
ज्योलीकोट-कर्णप्रयाग हाईवे कुमाऊं-गढ़वाल को जोड़ता है। इसी हाईवे से बड़े वाहन राशन, सब्जी, गैस, डीजल, पेट्रोल, निर्माण सामग्री लेकर पहाड़ की ओर जाते हैं, लेकिन विभाग ने बरसात के मौसम में कटान शुरू कर पहाड़ी के निचले हिस्से को खोखला और कमजोर कर दिया है। इससे पहाड़ी से हाईवे पर मलबा आ गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस पहाड़ को काटा जा रहा है, वह भूगर्भीय दृष्टि से बेहद कमजोर है।