Uttarakhand Assembly Monsoon Session 2021: Condolences Give To Up Former Cm Kalyan Singh – उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र: एक अच्छे नेता ही नहीं कुशल प्रशासक भी थे कल्याण सिंह

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सार

संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि कल्याण सिंह किसान नेता के रूप में उभरकर राजनीति में आए।

श्रद्धांजलि अर्पित करते सीएम और विधानसभा अध्यक्ष
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान और हिमाचल के पूर्व राज्यपाल स्व. कल्याण सिंह को कई चरणों में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान न केवल सत्ता पक्ष बल्कि प्रतिपक्ष ने भी उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

उत्तराखंड विधानसभा: पांच दिवसीय मानसून सत्र का आगाज, श्रद्धांजलि और संवेदनाओं को समर्पित रहा पहला दिन

संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि कल्याण सिंह किसान नेता के रूप में उभरकर राजनीति में आए। उन्होंने गरीब, पिछड़ों के लिए जो काम किया, वह ऐतिहासिक था। नौ बार विधायक, दो बार सीएम रहने वाले कल्याण सिंह जब पहली बार सीएम बने तो कहा जाता था कि हनक भनक की सरकार है। राम मंदिर आंदोलन को देखें तो वो भी ऐतिहासिक है। अंत तक गोली न चलने के आदेश उनकी अलग पहचान बना गए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कल्याण सिंह ने एक सामान्य किसान परिवार से उठकर जो संघर्ष किया, वह साबित करता है कि वह इसके दम पर ही नौ बार विधायक चुने गए।

उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर जो काम किया, वह अल्प जरूर था लेकिन उन्होंने इससे अपनी छाप छोड़ी। विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि कल्याण सिंह को एक करिश्माई और दमदार राजनेता के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा। उनके भाषण ही हम सबके लिए प्रेरणा के स्त्रोत होते थे। भोजनावकाश के बाद चल रहे सत्र में पहुंचे मंत्री हरक सिंह रावत ने उनकी दिल्ली में हुई सभा के भाषण को याद किया, जिसमें कल्याण सिंह ने कहा था कि जल्द ही हम यूपी में चुनाव में जा रहे हैं और राम भक्तों की सरकार बनेगी। उन्होंने बताया कि वह पहली बार ही चुनाव जीतकर लखनऊ पहुंचे और उन्हें कल्याण सिंह ने मंत्री बना दिया। उन्होंने इस बहाने उत्तराखंड की वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को भी जोड़ते हुए कहा कि हम सबको कल्याण सिंह से सीखने की जरूरत है। 

उन्होंने बताया कि किस तरह मंत्री रहते हुए उनके एक पत्र पर पूरी कार्रवाई होने के बाद उसकी फाइल अवलोकन के लिए उनके पास आई थी। कहा कि, वह उत्तराखंड में भी यह परंपरा कायम करने की बात करते आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पौड़ी में डीएम बनाने के लिए अगर यूपी का मुख्यमंत्री क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री से पूछ रहा है तो इससे सम्मान की बात और क्या होगी। आज यह परंपरा कहीं गुम सी हो गई है। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कल्याण सिंह के भीतर अद्भुत प्रशासनिक क्षमता थी। 

उनका कार्यकर्ताओं से बेहद लगाव था : स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से जुड़ी यादें ताजा की। उन्होंने बताया कि किस तरह से राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर आज तक भी उनका उत्तराखंड से जुड़ाव रहा। चार साल पहले जब वह उनसे मिले और बताया कि उत्तराखंड से आए हैं तो उन्होंने एक के बाद एक कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली। इससे साबित होता है कि कार्यकर्ताओं के प्रति उनके मन में कितना लगाव था। उत्तराखंड को लेकर उन्हें अपार स्नेह हमेशा रहा है।

हरिद्वार से वर्ष 1996 में समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गए और वर्तमान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अंबरीश कुमार के निधन पर विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने उन्हें एक कुशल और ज्ञानी नेता करार दिया।

संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि अंबरीश कुमार एक सुलझे हुए नेता थे। हरिद्वार में जब भी विकास की बात होगी तो हमेशा उनका नाम लिया जाता रहेगा। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि अंबरीश कुमार का व्यक्तित्व उनकी नॉलेज से साफ झलकता था। उनकी विनम्रता और मुद्दों पर अपनी पकड़ हमेशा ही उन्हें आगे की जमात में खड़ा करती थी।

उनका जाना कभी न भरने वाला जख्म है। मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि अंबरीश कुमार ज्ञानी, जानकारी वाले व्यक्तित्व के मालिक थे। उनका जाना बड़ा नुकसान है। मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत तकलीफ हुई। वह चलते-फिरते एनसाइक्लोपीडिया थे। वहीं, विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि अंबरीश कुमार मेरे राजनीतिक क्षेत्र के घनिष्ठतम मित्र थे। उनसे बहुत सी बातें सीखने को मिली। उन्होंने कहा कि उनके नाम से हरिद्वार में कोई पुस्तकालय या शोध केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि अंबरीश कुमार के बिना हरिद्वार के विकास पर बात करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि वह एक कुशल नेता थे जो कि मुद्दों को समझकर आगे बढ़ते थे। पूरे सदन ने पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उसूलों के पक्के थे पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी
 विधानसभा सत्र के दौरान सोमवार को उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी को भी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपने नेता को अपने अंदाज में याद किया। सत्र के दौरान संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि नरेंद्र सिंह भंडारी की अलग पहचान रही है। एनडी तिवारी सरकार में उन्होंने एक बेहतरीन शिक्षा मंत्री के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि नरेंद्र सिंह भंडारी हमेशा उसूलों के पक्के रहे हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री रहते हुए भी किसी के लिए अपने नियम नहीं तोड़े, जो कि एक नेता को स्थापित करने वाली बात है। कई और नेताओं ने वरिष्ठ नेता नरेंद्र भंडारी को अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी।

यूपी की राजनीति में धमक रखने वाले नेता श्रीचंद को दी श्रद्धांजलि
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन खटीमा के पूर्व विधायक एवं अविभाजित उत्तर प्रदेश में वन एवं कानून मंत्री रहे श्रीचंद को श्रद्धांजलि दी गई।  संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने श्रीचंद को याद किया। उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन जैसा धमकदार नेता राजनैतिक इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। कई और नेताओं ने श्रीचंद को याद किया और बताया कि किस तरह से वह अविभाजित उत्तर प्रदेश सरकार में अपने काम के लिए जाने जाते थे।

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उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान और हिमाचल के पूर्व राज्यपाल स्व. कल्याण सिंह को कई चरणों में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान न केवल सत्ता पक्ष बल्कि प्रतिपक्ष ने भी उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

उत्तराखंड विधानसभा: पांच दिवसीय मानसून सत्र का आगाज, श्रद्धांजलि और संवेदनाओं को समर्पित रहा पहला दिन

संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि कल्याण सिंह किसान नेता के रूप में उभरकर राजनीति में आए। उन्होंने गरीब, पिछड़ों के लिए जो काम किया, वह ऐतिहासिक था। नौ बार विधायक, दो बार सीएम रहने वाले कल्याण सिंह जब पहली बार सीएम बने तो कहा जाता था कि हनक भनक की सरकार है। राम मंदिर आंदोलन को देखें तो वो भी ऐतिहासिक है। अंत तक गोली न चलने के आदेश उनकी अलग पहचान बना गए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कल्याण सिंह ने एक सामान्य किसान परिवार से उठकर जो संघर्ष किया, वह साबित करता है कि वह इसके दम पर ही नौ बार विधायक चुने गए।

उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर जो काम किया, वह अल्प जरूर था लेकिन उन्होंने इससे अपनी छाप छोड़ी। विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि कल्याण सिंह को एक करिश्माई और दमदार राजनेता के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा। उनके भाषण ही हम सबके लिए प्रेरणा के स्त्रोत होते थे। भोजनावकाश के बाद चल रहे सत्र में पहुंचे मंत्री हरक सिंह रावत ने उनकी दिल्ली में हुई सभा के भाषण को याद किया, जिसमें कल्याण सिंह ने कहा था कि जल्द ही हम यूपी में चुनाव में जा रहे हैं और राम भक्तों की सरकार बनेगी। उन्होंने बताया कि वह पहली बार ही चुनाव जीतकर लखनऊ पहुंचे और उन्हें कल्याण सिंह ने मंत्री बना दिया। उन्होंने इस बहाने उत्तराखंड की वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को भी जोड़ते हुए कहा कि हम सबको कल्याण सिंह से सीखने की जरूरत है। 

उन्होंने बताया कि किस तरह मंत्री रहते हुए उनके एक पत्र पर पूरी कार्रवाई होने के बाद उसकी फाइल अवलोकन के लिए उनके पास आई थी। कहा कि, वह उत्तराखंड में भी यह परंपरा कायम करने की बात करते आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पौड़ी में डीएम बनाने के लिए अगर यूपी का मुख्यमंत्री क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री से पूछ रहा है तो इससे सम्मान की बात और क्या होगी। आज यह परंपरा कहीं गुम सी हो गई है। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कल्याण सिंह के भीतर अद्भुत प्रशासनिक क्षमता थी। 

उनका कार्यकर्ताओं से बेहद लगाव था : स्पीकर

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से जुड़ी यादें ताजा की। उन्होंने बताया कि किस तरह से राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर आज तक भी उनका उत्तराखंड से जुड़ाव रहा। चार साल पहले जब वह उनसे मिले और बताया कि उत्तराखंड से आए हैं तो उन्होंने एक के बाद एक कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली। इससे साबित होता है कि कार्यकर्ताओं के प्रति उनके मन में कितना लगाव था। उत्तराखंड को लेकर उन्हें अपार स्नेह हमेशा रहा है।


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