यूकेडी ने की कुलसचिव को बर्खास्त करने की मांग

व्यापक जन विरोध के चलते संदीप कुमार को सरकार ने अब निलंबित कर दिया है

एस बी टी न्यूज उत्तराखंड

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी के कुलसचिव को बर्खास्त करने की मांग की है। गौरतलब है कि उत्तराखंड क्रांति दल वर्ष 2017 से ही कुलसचिव संदीप कुमार के घपले घोटालों पर कार्यवाही करने की मांग करता रहा है किंतु शासन में ऊंची पहुंच के चलते संदीप कुमार बचता रहा। व्यापक जन विरोध के चलते संदीप कुमार को सरकार ने अब निलंबित कर दिया है।

उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिवप्रसाद  सेमवाल ने कहा कि संदीप कुमार को बर्खास्त करके उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर विजिलेंस की जांच होनी चाहिए। यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि संदीप कुमार ने अपने नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों में छेड़छाड़ की है, इसके अलावा कुल सचिव पद पर तैनाती के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को भी गुमराह किया।

यूकेडी नेता ने पहले भी संदीप कुमार के खिलाफ टीक्युप के फंड में वित्तीय अनियमितता और दुरुपयोग करने की शिकायत उच्च स्तर पर की थी। इसके अलावा घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज में करोड़ों रुपए के सामान और अन्य कार्यों में बहुत सारी अनियमितताएं करने की शिकायत भी शासन स्तर पर लंबित है। इन सब का संज्ञान लेकर अब बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की उपाध्यक्ष राधा रतूड़ी ने संदीप कुमार को सस्पेंड करते हुए उन्हें किसी भी तरह के कार्यालयी कामकाज से विरत कर दिया है।

यूकेडी नेता ने बताया कि वर्ष 2017 में भी पौड़ी से यूकेडी जिलाध्यक्ष सुबोध पोखरियाल, देवेंद्र रावत, गणेश भट्ट और मातबर सिंह नेगी आदि के नेतृत्व में चले लंबे आंदोलन के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी सुशील कुमार ने एसआईटी जांच संबंधी पत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दिया था। लेकिन शासन में इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

यूकेडी नेता सेमवाल ने बताया कि संदीप कुमार को वर्ष 2006 के बाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद बर्खास्त कर दिया गया था लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के चलते हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया। संदीप कुमार पर शैक्षणिक दस्तावेजों में हेराफेरी का आरोप है। संदीप कुमार पर शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में थी बड़ी अनियमितता करने का आरोप लगाया गया है।

उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने सरकार से मांग की है कि संदीप कुमार को बर्खास्त करके उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच की जानी चाहिए।

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